Answered • 13 Oct 2025
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स्वामी विवेकानंद ने निडरता को सबसे बड़ा गुण माना। उन्होंने कहा था कि 'अगर कोई पाप है, तो वह डर है'। उनका मानना था कि डर हमारे आत्मविश्वास को खत्म कर देता है और हमें अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने से रोकता है। निडरता हमें चुनौतियों का सामना करने और सही निर्णय लेने की शक्ति देती है। उन्होंने कहा कि 'हम सभी में एक सिंह छिपा हुआ है, हमें बस उसे जगाना है'।