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JAGDISH LAL
Answered • 03 Nov 2025
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सरकार इस असमानता को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है। 'भारतनेट' जैसी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुँचाने का काम कर रही हैं। साथ ही, सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। हमें विश्वास है कि इन प्रयासों से आने वाले समय में यह खाई काफी हद तक कम हो जाएगी।
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Ashu Sharma
Answered • 27 Oct 2025
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सच कहूँ तो, हम जैसे बच्चों के लिए डिजिटल शिक्षा एक वरदान की तरह है। मेरे गाँव में अच्छी कोचिंग नहीं थी, लेकिन अब मैं घर बैठे-बैठे अच्छे शिक्षकों से पढ़ सकता हूँ। हाँ, नेटवर्क की दिक्कतें होती हैं, कभी-कभी बिजली भी चली जाती है, पर फिर भी यह हमारे लिए एक बड़ा सहारा है।
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Amaya
Answered • 22 Oct 2025
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डिजिटल शिक्षा में खाई को कम करने की बहुत बड़ी क्षमता है, लेकिन अभी यह इसे और बढ़ा रही है। शहरों में तो इंटरनेट, स्मार्टफोन और लैपटॉप आसानी से उपलब्ध हैं, पर गाँवों में ये एक लक्जरी हैं। जब तक बुनियादी ढाँचा (infrastructure) जैसे बिजली और इंटरनेट हर घर तक नहीं पहुँचता, तब तक यह खाई कम नहीं होगी, बल्कि और गहरी होगी।
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Choudhary
Answered • 20 Oct 2025
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मेरे बच्चों के पास स्मार्टफोन तो है, पर उस पर सिर्फ ऑनलाइन क्लास के लिए पैसे खर्च करना मुश्किल होता है। गाँव में सबके पास इतना पैसा नहीं होता कि वे अच्छे इंटरनेट प्लान लें या लैपटॉप खरीदें। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। यह सिर्फ शिक्षा नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य का सवाल है।
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Juhi Chakraborty
Answered • 13 Oct 2025
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मेरा मानना है कि यह एक अवसर है। हमें डिजिटल शिक्षा को सिर्फ ऑनलाइन क्लासेस तक सीमित नहीं रखना चाहिए। हमें कम लागत वाले डिवाइस और गाँव-गाँव तक पहुँचने वाले इंटरनेट समाधानों पर काम करना होगा। कई स्टार्टअप्स इस दिशा में काम कर रहे हैं, जो गाँव के बच्चों को भी वैसी ही शिक्षा दे पा रहे हैं, जैसी शहर के बच्चे पाते हैं। यह असमानता को मिटाने का एक बड़ा कदम है।