Answered • 13 Nov 2025
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आईबीपीएस की परीक्षा आमतौर पर तीन चरणों में होती है: प्रारंभिक परीक्षा (Prelims), मुख्य परीक्षा (Mains) और साक्षात्कार (Interview)। प्रारंभिक परीक्षा पहला चरण है, जिसमें बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) होते हैं। यह परीक्षा स्क्रीनिंग टेस्ट के रूप में काम करती है और मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों का चयन करती है। प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवार ही मुख्य परीक्षा में बैठने के पात्र होते हैं। मुख्य परीक्षा भी बहुविकल्पीय होती है, लेकिन इसका स्तर प्रारंभिक परीक्षा से कठिन होता है और इसमें सामान्यतः एक वर्णनात्मक (descriptive) पेपर भी शामिल होता है। मुख्य परीक्षा में सफल होने के बाद, उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। यह अंतिम चरण है, जिसमें उम्मीदवारों के व्यक्तित्व, संवाद कौशल और बैंकिंग ज्ञान का मूल्यांकन किया जाता है। साक्षात्कार में सफल होने के बाद, अंतिम मेरिट लिस्ट जारी की जाती है, जिसमें मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार दोनों के अंकों को मिलाकर रैंक दी जाती है। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है और परीक्षा में नकारात्मक अंकन (negative marking) भी होता है, इसलिए उम्मीदवारों को प्रश्नों का उत्तर बहुत सावधानी से देना चाहिए। IBPS क्लर्क, IBPS PO और IBPS SO जैसी परीक्षाओं के लिए यही सामान्य प्रक्रिया अपनाई जाती है।