Answered • 16 Sep 2025
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भारत में बहु-पार्टी प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह विभिन्न विचारों और हितों का प्रतिनिधित्व करती है, जिससे लोकतंत्र अधिक समावेशी बनता है। यह नागरिकों को अधिक विकल्प प्रदान करती है और एक पार्टी के वर्चस्व को रोकती है। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं, जैसे राजनीतिक अस्थिरता, गठबंधन सरकारों के कारण नीतिगत निर्णय लेने में देरी और गुटबाजी का बढ़ना। यह प्रणाली भारत की विशाल विविधता के लिए उपयुक्त है, लेकिन इसे प्रभावी ढंग से चलाने के लिए राजनीतिक परिपक्वता और सहयोग की आवश्यकता है।