Answered • 20 Oct 2025
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रक्षाबंधन की परंपरा का इतिहास बहुत पुराना है। एक प्रसिद्ध कथा महाभारत से जुड़ी है, जिसमें शिशुपाल का वध करते समय भगवान कृष्ण की उंगली से खून बहने लगा था। तब द्रौपदी ने बिना सोचे अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया था। कृष्ण ने इसे अपनी बहन पर अटूट विश्वास का प्रतीक मानते हुए द्रौपदी की हर विपत्ति से रक्षा करने का वचन दिया था। चीर हरण के दौरान कृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाकर अपना वचन निभाया। इसी घटना के बाद से रक्षाबंधन का महत्व और भी बढ़ गया।