चंद्रशेखर आजाद का स्वतंत्रता संग्राम में क्या योगदान था?

🕒 01 Aug 2025 चंद्रशेखर आज़ाद स्वतंत्रता संग्राम भारत माता के सपूत 5 Answers

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Rashmi Dixit
Answered • 23 Aug 2025
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अगर चंद्रशेखर आजाद के जीवन पर कोई फिल्म बने, तो उसका क्लाइमेक्स सीन अल्फ्रेड पार्क वाला ही होगा। सोचिए, एक अकेला क्रांतिकारी, चारों तरफ से घिरी हुई पुलिस, और उसके हाथ में पिस्तौल। वह गोली चलाता है, दुश्मन को मार गिराता है, लेकिन जानता है कि अब बच नहीं पाएगा। फिर, वह अपनी ही पिस्तौल की आखिरी गोली से खुद को खत्म कर लेता है ताकि अंग्रेज उसे छू भी न सकें। यह सिर्फ एक एक्शन सीन नहीं है, यह एक विचारधारा है। उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ भी किया, चाहे वो काकोरी हो या HSRA का गठन, सब कुछ उस आखिरी सीन की तैयारी थी - 'आजाद रहना है, आजाद मरना है'।
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Satyam Kumar
Answered • 23 Aug 2025
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चंद्रशेखर आजाद का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी चरण में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने भगत सिंह और सुखदेव के साथ मिलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) का पुनर्गठन किया। उनका मुख्य लक्ष्य ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन को हिंसा और क्रांतिकारी गतिविधियों के माध्यम से उखाड़ फेंकना था। काकोरी कांड में उनकी भूमिका अविस्मरणीय है, जहाँ उन्होंने ब्रिटिश सरकार की ट्रेन से सरकारी खजाना लूटकर क्रांति के लिए धन जुटाया। उन्होंने अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक, इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में, ब्रिटिश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के बजाय खुद को गोली मार ली, जिससे वे 'आजाद' कहलाए। उनका बलिदान युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
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Kavya Nivetha
Answered • 14 Aug 2025
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शायद ही कोई होगा जिसने चंद्रशेखर आजाद की कहानी न सुनी हो। एक बार की बात है, जब वे एक छोटे बच्चे थे, तो उन्हें ब्रिटिश पुलिस ने पकड़ा। जज ने उनसे उनका नाम पूछा तो उन्होंने कहा - 'आजाद'। पिता का नाम पूछा तो बोले - 'स्वतंत्रता'। और पता पूछा तो बोले - 'जेल'। इसी दिन से वे 'आजाद' कहलाए। बड़े होकर उन्होंने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया। वे कभी किसी के हाथ नहीं आए। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची आजादी सिर्फ देश की नहीं, बल्कि मन की भी होती है। उन्होंने अपनी जिंदगी का हर पल देश के लिए जिया और मरते दम तक अपनी आजादी को नहीं छोड़ा।
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Aishwarya Aishu
Answered • 12 Aug 2025
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चंद्रशेखर आजाद का सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने अंग्रेजों से लड़ने के लिए एक मजबूत संगठन बनाया। उन्होंने भगत सिंह के साथ मिलकर HSRA को एक नई दिशा दी। उनके कामों में काकोरी ट्रेन डकैती सबसे प्रसिद्ध है, जहाँ उन्होंने अंग्रेजों का खजाना लूटा। लेकिन मेरे लिए, उनका सबसे बड़ा योगदान यह है कि वह मरते दम तक आजाद रहे। जब उन्हें चारों तरफ से घेर लिया गया, तो उन्होंने खुद को गोली मार ली, ताकि वे अंग्रेजों के हाथ न आएं। उनका यह फैसला दिखाता है कि वे अपनी आजादी के लिए कितने प्रतिबद्ध थे।
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Choudhary
Answered • 03 Aug 2025
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चंद्रशेखर आजाद एक सच्चे देशभक्त थे जिन्होंने भारत माता को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। वह एक ऐसे शेर थे जिन्होंने कभी हार नहीं मानी। 'दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे' - उनका यह नारा आज भी हमारे रोंगटे खड़े कर देता है। उन्होंने भगत सिंह जैसे वीरों को एक साथ लाया और अंग्रेजों को दिखाया कि भारतीय युवा अपनी आजादी के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उनका बलिदान सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि भारतीय युवाओं के लिए एक मशाल है जो हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।

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